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Sunday, September 4, 2011

गाँधी पहेली 26/27

अहिंसक आन्दोलनों और अनशन के इस वैश्विक दौर की सबसे बड़ी प्रेरणा गांधीजी ने उपवास के साथ एक सकारात्मक और आत्मशुद्धि के माध्यम के रूप में कई सफल प्रयोग किये थे. इस बार की गाँधी पहेली इसी से संबंधित है. गांधीजी के सर्वाधिक लंबे उपवासों में से एक आठ मई, 1933 से आरंभ 21 दिनों के उपवास का कारण क्या था ?

(i) हरिजन आंदोलन और आत्मशुद्धि, (ii) हिंदू-मुस्लिम एकता (iii) खिलाफत आंदोलन (iv) किसान आंदोलन 

पिछली पहेली में पूछे गए प्रश्न का उत्तर है - शहीद उधम सिंह  की अस्थियों को आजादी के बाद स्वदेश वापस मंगवाने में श्री साधू सिंह थिंड जी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. 

उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM परनई पहेली के साथ.



Sunday, August 7, 2011

शहीद उधम सिंह और गाँधी पहेली - 25

A photo exhibit shows Udham Singh (second from the left) being taken away from Caxton Hall after the assassination of Michael O’ Dwyer


गांधीजी के समकालीन क्रांतिकारियों में उधम सिंह (December 26, 1899 – July 31, 1940) और भगत सिंह ऐसे दो नाम थे जिन्होंने एक सी ही नियति पाई. जालियाँवालाबाग कांड से विचलित उधम सिंह ने जनरल डायर की हत्या कर दी तो, भगत सिंह ने लाला लाजपत राय पर प्राणघातक हमले के दोषी सैंडर्स की हत्या कर दी. दुर्भाग्यवश इन हिंसक प्रतिक्रियाओं को समर्थन न देने वाले गांधीजी की हत्या भी एक हिंसक उन्माद (शुरू में 'ऐसी ही' लिखने जा रहा था, मगर क्या इसे भी ऐसी ही' की श्रेणी में रखा जा सकता है ?) में कर दी गई. 

इनके कृत्य के औचित्य पर आज ड्राइंगरुम में बैठ कर सहज ही विमर्श किया जा सकता है, मगर यह उनके बलिदान के साथ अन्याय ही होगा. उनके मार्ग पर विभिन्न मत हो सकते हैं, मगर उनकी भावनाओं पर संदेह नहीं किया जा सकता.

उन अमर बलिदानियों को कोटि-कोटि नमस्कार और अब प्रस्तुत है पिछली पहेली का उत्तर - 

  क्रांतिवीर चन्द्रशेखर आज़ाद उस समय काशी विद्यापीठ शिक्षण संस्थान से जुड़े हुए थे. 


1919  में जलियांवालाबाग कांड के प्रत्यक्षदर्शी उधमसिंह ने 1940 में जनरल डायर को लन्दन में गोली मार दी; जहाँ उन्हें 31/07/1940 को फंसी दे दी गई. 

प्रश्न यह है कि आजादी के बाद उनकी अस्थियों को स्वदेश वापस मंगवाने में किन्होने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ? 

(i) ज्ञानी जैल सिंह, (ii) श्री शंकरदयाल शर्मा, (iii) साधू सिंह थिंड, (iv) विजय माल्या  

उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM परनई पहेली के साथ.


Sunday, July 31, 2011

चन्द्रशेखर आजाद और गाँधी पहेली 23/24



गांधीजी पर आधारित पहेली श्रृंखला में आपकी भागीदारी का धन्यवाद.

पिछले अंक में पूछी गई पहेली का उत्तर है  गाँधी जी ने कांग्रेस के बेलगाम अधिवेशन (1924) की अध्यक्षता की थी. 



श्रृंखला का अगला प्रश्न गांधीजी के समकालीन अमर क्रन्तिकारी चंद्रशेखर आजाद के सन्दर्भ में है जिनकी 23 जुलाई को जन्मतिथि भी थी. 

1921  में गांधीजी द्वारा आरंभ 'सविनय अवज्ञा आंदोलन' में शामिल होने के लिए कई छात्र अपने स्कुल-कॉलेज छोड़ आंदोलन में कूद पड़े. उन्ही में एक क्रांतिवीर चन्द्रशेखर आज़ाद भी थे. प्रश्न यह है कि उस समय आजाद किस शिक्षण संस्थान से जुड़े हुए थे - 


(i) इलाहबाद वि. वि., (ii) काशी विद्यापीठ, (iii) बनारस हिंदू वि. वि., (iv) लाहौर वि. वि. 

उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM परनई पहेली के साथ.



Sunday, July 17, 2011

गाँधी पहेली




गांधीजी पर आधारित पहेली श्रृंखला में आपकी भागीदारी का धन्यवाद.  पिछले अंक में पूछी गई पहेली का उत्तर है - भारत वापसी के बाद गांधीजी ने पहला आंदोलन बिहार के चंपारण के नील मजदूरों के समर्थन में किया था.

श्रृंखला का अगला प्रश्न है कि गाँधी जी ने कांग्रेस के किस अधिवेशन की अध्यक्षता की थी ?

(i) लाहौर, (ii) कराची, (iii)  कोलकाता, (iv) बेलगाम 

उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM परनई पहेली के साथ.

Sunday, July 10, 2011

एक अधनंगा फ़कीर ( @गाँधी पहेली )

 

यह नमक आंदोलन की सफलता और वाइसराय लौर्ड इर्विन की  गांधीजी से मिलने की विवशता ही थी जिसने गांधीजी के प्रबल आलोचक चर्चिल को उन शब्दों का प्रयोग करने को बाध्य कर दिया जो गांधीजी के व्यक्तित्व को व्यक्त करने के लिए काफी उपयुक्त हैं - " एक अधनंगा फ़कीर ". 


सत्रह फरवरी उन्नीस सौ इकतीस को मात्र एक सफ़ेद धोती, चादर और लाठी लिए हुए इस  फ़कीर ने नई दिल्ली में वाइसराय के बंगले की लाल सीढियाँ चढ़ीं. तीन सप्ताह में आठ बैठकों के बाद जो संधि सामने आई वो ऐसी थी मानो दो प्रभावशाली शक्तियों के बीच आपसी हितों की रक्षा के लिए की गई हो, जिसे ' गाँधी - इरविन पैक्ट ' के नाम से याद किया जाता है. 

और फिर से यही दृश्य साकार हुआ चंद महीनों बाद जब पुनः यह फ़कीर, इसी वेशभूषा में 'सुसभ्य' अंग्रेजों को स्तंभित करता हुआ बकिंघम पैलेस जा  पहुंचा  सम्राट से वार्ता करने. यह वही मोहनदास था जो इसी इंग्लैंड में कभी अपनी वेशभूषा को हेय दृष्टि से देख पाश्चात्य परिवेश को आत्मसात करने का भी प्रयास कर चूका था. समय का पहिया उल्टा घूम चूका था इन वर्षों में. अपनी धरती, संस्कृति, इतिहास और आम जनता के साथ जुडाव से उपजा यह भी एक राष्ट्रगौरव ही था, मगर गाँधी शैली का. बाद में जब किसी ने उनसे पूछा कि क्या सम्राट के सामने ऐसी पोशाक में जाना उचित था ! - तो उनका अपनी चिरपरिचित विनोदात्मक लहजे में प्रत्युत्तर था - " सम्राट ने स्वयं इतना पहन रखा था कि वही हमदोनों की पोशाक  के बराबर हो गया. "

चलिए इन पंक्तियों में तो मिल गया पिछली पहेली का उत्तर. अब नई पहेली - 

भारत में गांधीजी द्वारा प्रारंभ पहला सत्याग्रह कौन सा था ? -
(i) खेडा, (ii) बारडोली, (iii) चंपारण, (iv) दांडी 

उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM परनई पहेली के साथ

Sunday, July 3, 2011

अहिंसक आन्दोलनों की पुनर्वापसी और गांधीजी

भारत में ही नहीं विश्व के कई भागों में अहिंसक आन्दोलनों का नया दौर शुरू हो गया है. हाल में संपन्न मिस्र की क्रांति की भी कवरेज करने गए एक भारतीय पत्रकार ने लिखा कि उसे आंदोलन की समाप्ति के बाद लौट रहे लोगों में से एक की भाषा तो समझ नहीं आई, मगर वो बार - बार 'गाँधी'-'गाँधी' दोहराता जा रहा था.

मार्टिन लूथर किंग, नेल्शन मंडेला, आंग सांग सू की जैसे कई उदाहरण मिल जायेंगे जिन्होंने गाँधी जी को समझने के बाद अपने आचरण में उतारा और सफलता प्राप्त की. गाँधी जी के ही शब्दों में यह 'साध्य' और 'साधन' की शुचिता की ही सफलता है.

अगर कहीं ऐसा होता नहीं दिखता तो इस समीकरण के प्रयोग में ही इसके कारणों और कारकों को तलाशा जा सकता है.

अहिंसक आन्दोलनों की सफलता सुनिश्चित करने की रणनीति सुस्पष्ट करते हुए गांधीजी ने कहा था -

 "पहले वो आपको नजरअंदाज करेंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, इसके बाद वो संघर्ष करेंगे आपसे और फिर आपकी जीत होगी."

विचारों की कालजयिता जिस परिवेश में सार्थक होती है उसकी अनुभूति हो रही है न आपको :-)

और अब गाँधी पहेली 19 का उत्तर -

 द. अफ्रीका के मरित्ज्बर्ग रेल्वे स्टेशन पर गान्धीजी को नस्लीय अपमान का सामना करना पड़ा था.


साथ ही गाँधी पहेली 20 का प्रश्न - 


गांधीजी को 'अधनंगा फ़कीर' किन्होने कहा था ?


(i) अब्राहम लिंकन, (ii) विंस्टन चर्चिल, (iii) आइंस्टाइन, (iv) माउंटबेटन


उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM परनई पहेली के साथ

Sunday, June 26, 2011

गाँधी पहेली श्रृंखला 19

गांधीजी पर आधारित पहेली श्रृंखला में आपकी भागीदारी का धन्यवाद.  पिछले अंक में पूछी गई पहेली का उत्तर है - उक्त चित्र गांधीजी की बहन 'रलिया बेन' का था.

श्रृंखला का अगला प्रश्न है कि द. अफ्रीका में वह कौन सा रेल्वे स्टेशन था, जहाँ गान्धीजी को नस्लीय अपमान का सामना करना पड़ा था ? 

(i) मरित्ज्बर्ग, (ii) प्रिटोरिया, (iii)  क्राइस्त्चर्च, (iv) नटाल 

Sunday, June 19, 2011


गाँधी पहेली श्रृंखला 18 (चित्र पहेली)




गांधीजी पर आधारित पहेली श्रृंखला में आपकी भागीदारी का धन्यवाद.  पिछले अंक में पूछी गई पहेली का उत्तर है - उक्त चित्र गांधीजी की माँ श्रीमती पुतलीबाई का था.  

श्रृंखला का अगला प्रश्न भी एक चित्र पहेली के रूप में है. उक्त चित्र को देखें और बताईये कि ये गांधीजी से किस प्रकार संबद्ध हैं ?

(संभव हो तो नाम भी बता सकते हैं)

विकल्प हैं – (i) दादी , (ii) माँ, (iii) बहन, (iv) पत्नी

उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM परनई पहेली के साथ

Sunday, June 12, 2011

गाँधी पहेली श्रृंखला 18 (चित्र पहेली)




गांधीजी पर आधारित पहेली श्रृंखला में आपकी भागीदारी का धन्यवाद.  पिछले अंक में पूछी गई पहेली का उत्तर है - गांधीजी द्वारा लिखी पुस्तक 'सत्य के साथ मेरे प्रयोग' जो मूलतः गुजराती भाषा में लिखी गई थी का हिंदी अनुवाद ‘महादेव देसाई’ ने किया था.  

श्रृंखला का अगला प्रश्न एक चित्र पहेली के रूप में है. उक्त चित्र को देखें और बताईये कि ये गांधीजी से किस प्रकार संबद्ध हैं ?

(संभव हो तो नाम भी बता सकते हैं)

विकल्प हैं – (i) दादी , (ii) माँ, (iii) बहन, (iv) पत्नी

उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM पर, नई पहेली के साथ.

Sunday, May 29, 2011

गाँधी पहेली श्रृंखला 17

गांधीजी पर आधारित पहेली श्रृंखला में आपकी भागीदारी का धन्यवाद. पिछले अंक में पूछी गई पहेली का उत्तर है - दांडी मार्च के दौरान गिरफ्तार कर लिए जाने की स्थिति में गांधीजी ने नेतृत्व के लिए 'अब्बास तैयबजी' का नाम प्रस्तावित किया था. 


श्रृंखला का अगला प्रश्न है कि गांधीजी द्वारा लिखी पुस्तक 'सत्य के साथ मेरे प्रयोग' जो मूलतः गुजराती भाषा में लिखी गई थी का हिंदी अनुवाद किन्होने किया था ? 

(i) सुचित्रा कृपलानी, (ii) श्री विट्ठल भाई पटेल, (iii) महादेव देसाई, (iv) मगनलाल गाँधी 

उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM पर, नई पहेली के साथ.  

Sunday, May 22, 2011

गांधी पहेली श्रृंखला - 16

गांधीजी पर आधारित पहेली श्रृंखला में आपकी भागीदारी का धन्यवाद. पिछले अंक में पूछी गई पहेली का उत्तर है, गांधीजी ने अपना प्रसिद्द 'दांडी मार्च' 12 मार्च 1930 से आरंभ किया था. 

श्रृंखला का अगला प्रश्न है कि दांडी मार्च के दौरान गिरफ्तार कर लिए जाने की स्थिति में गांधीजी ने नेतृत्व के लिए किसका नाम प्रस्तावित किया था ?
(i) पं. जवाहरलाल नेहरु, (ii) डॉ. राजेंद्र प्रसाद, (iii) सुचित्रा कृपलानी, (iv) अब्बास तैयबजी

उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM पर, नई पहेली के साथ. 

Sunday, May 15, 2011

गाँधी पहेली श्रृंखला 15


गांधीजी पर आधारित पहेली श्रृंखला में आपकी भागीदारी का धन्यवाद. पिछले अंक में पूछी गई पहेली का उत्तर है, 2007 में रिलीज हुई फिल्म 'गाँधी माई फादर' जो गांधीजी और उनके पुत्र हरिलाल गाँधी के संबंधों पर आधारित थी के निर्देशक 'फिरोज अब्बास खान' थे.  
इस श्रृंखला का अगला प्रश्न है –गांधीजी ने अपना प्रसिद्द 'दांडी मार्च' कब से आरंभ किया था ?
(i) 12/03/1930, (ii) 6/04/1930, (iii) 30/05/1930  (iv) 15/05/1930

उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM पर, नई पहेली के साथ.  

Sunday, May 8, 2011

गाँधी पहेली 14

पिछले अंक में पूछी गई पहेली का उत्तर है, गांधीजी ने उक्त पंक्तियाँ श्री देवेन्द्र सत्यार्थी जी के लिए कही थीं, जिन्होंने लोकगीतों के संकलन में एक अतुलनीय योगदान दिया था.  सत्यार्थी जी से संबंधित एक अन्य पोस्ट यहाँ भी देख सकते हैं.  सभी प्रतिभागियों का धन्यवाद.

गाँधी पहेली श्रंखला का अगला प्रश्न है -

2007 में रिलीज हुई फिल्म 'गाँधी माई फादर' फिल्म जो गांधीजी और उनके पुत्र हरिलाल गाँधी के संबंधों पर आधारित थी के निर्देशक कौन थे ?


(i) अनिल कपूर, (ii) श्याम बेनेगल, (iii) फिरोज टायरवाला (iv) फिरोज अब्बास खान  

उत्तर अगले रविवार सुबह 9 :00 पर अगले प्रश्न के साथ.  

Sunday, April 24, 2011

गांधी पहेली 12/13

गांधीजी से जुड़ी पिछली पहेली का उत्तर है ' Waiting of Mahatma' के लेखक हैं - मशहूर लेखक श्री आर. के. नारायणन.

हिमाचल प्रवास के कारण इस पोस्ट पर विशेष ध्यान न दे पाया था, इसलिए इसे अगले सप्ताह के लिए भी जारी रख रहा हूँ. 

देश की मिटटी में बिखरे लोक गीतों के संकलन में अपना जीवन होम कर देने वाली एक महानतम हस्ती  के कार्यों को प्रोत्साहन देते हुए गाँधी जी ने कहा था - राष्ट्रीय एकता के लिए किये जा रहे हमारे कार्यों से आप कोई अलग काम नहीं कर रहे, बस इसे एक अलग ढंग से कर रहे हैं. "
प्रश्न यह है कि गांधीजी ने उक्त पंक्तियाँ किनके सन्दर्भ में कही थीं - 
(i) आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी, (ii) गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर, (iii) देवेन्द्र सत्यार्थी, (iv) रामधारी सिंह दिनकर 



उत्तर अगले रविवार सुबह 9 :00 पर अगले प्रश्न के साथ.  

Sunday, April 17, 2011

गाँधी पहेली श्रंखला 11

गाँधी पहेली श्रंखला में उत्साहपूर्वक भाग लेने का धन्यवाद. पिछली पहेली का सही उत्तर है - कमल हासन की ' हे राम ' में गांधीजी की भूमिका नसीरुद्दीन शाह ने की थी.

गाँधी पहेली श्रंखला का अगला प्रश्न है -
एक प्रख्यात लेखक ने स्वतंत्रता आन्दोलन की पृष्ठभूमि में पलती प्रेमकहानी पर एक उपन्यास लिखा है - ' Waiting of Mahatma '
इस उपन्यास के लेखक का क्या नाम है ?
 (i) रस्किन बोंड, (i) आर. के. नारायणन, (iii) विक्रम सेठ, (iv) खुशवंत सिंह 

अगले सप्ताह टूर पर रहूँगा मगर, उत्तर सुबह 9 :00 पर सेद्द्युल्ड रहेगा नई पहेली के साथ.  

Sunday, April 10, 2011

गाँधी पहेली श्रृंखला 10


गांधीजी पर आधारित पहेली श्रृंखला में आपकी भागीदारी का धन्यवाद. पिछले अंक में पूछी गई पहेली का सही उत्तर है – “ गाँधी फिल्म में महात्मा गाँधी की भूमिका ‘बेन किंग्सले’ ने निभाई थी.
                                                   
फिल्मों से जुडी पहेलियों में आपकी दिलचस्पी देखते हुए अगली पहेली पुनः फिल्मों से ही जुडी हुई ही. एक प्रमुख अभिनेता की दिली तमन्ना महात्मा गाँधी के किरदार को अभिनीत करने की थी, जो कतिपय कारणों से पूरी नहीं हो पा रही थी. उनकी यह तमन्ना साकार हुई कमाल हसन की फिल्म   ‘हे राम’ में. तो प्रश्न यह है कि ‘हे राम’ फिल्म में महात्मा गाँधी की भूमिका किस कलाकार ने निभाई थी ?
(i)    टॉम ऑल्टर, (ii) रजत कपूर, (iii) परेश रावल, (iv) नसीरुद्दीन शाह   
उत्तर अगले रविवार, सुबह 9:00 AM पर नए प्रश्न के साथ.

Sunday, April 3, 2011

गाँधी पहेली - 9

पिछले अंक में पूछी गई पहेली का उत्तर है - गांधीजी ने ऑटोग्राफ बुक में स्वयं को ब्रिटिश टीम के अतिरिक्त खिलाडी के रूप में रेखांकित किया था. 

गाँधी पहेली श्रंखला का अगला प्रश्न है -

1982 में प्रदर्शित हुई फिल्म 'गाँधी' में महात्मा गाँधी की भूमिका किसने निभाई थी ?


(i) रिचर्ड एटनबरो, (ii) बेन किग्सले, (iii) रोशन सेठ, (iv) रजत कपूर.

उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM  पर. 

Sunday, March 27, 2011

गांधीजी और क्रिकेट से संबधित एक रोचक पहेली

गाँधी पहेली श्रंखला 8

गाँधी पहेली 6  का सही उत्तर है - गांधीजी ने अपना राजनितिक गुरु 'गोपाल कृष्ण गोखले' को माना था. 
गाँधी पहेली श्रंखला का अगला प्रश्न है - 
एक बार किसी ने गांधीजी से औटोग्राफ माँगा. संजोग से उस वक्त उसके पास उपलब्ध औटोग्राफ बुक में उसने अंग्रेज क्रिकेट टीम के सदस्यों के औटोग्राफ भी ले रखे थे. गांधीजी ने उसी पेज पर अपना औटोग्राफ यह स्पष्ट करने के लिए दिया कि उनका विरोध अंग्रेजों की साम्राज्यवादी नीति से है - अंग्रेज कौम से नहीं. प्रश्न यह है कि गांधीजी ने उस औटोग्राफ बुक की अंग्रेज टीम में अपने लिए कौन सी जगह मुक़र्रर की थी ? 
(i) कप्तान, () विकेटकीपर, () स्पिनर,() नन प्लेइंग अतिरिक्त खिलाडी 

उत्तर अगले रविवार सुबह 9 AM  पर

Sunday, March 20, 2011

गाँधी पहेली श्रंखला 7

पहेली श्रृंखला के पिछले प्रश्नका उत्तर है - गांधीजी को ‘ बापू ’ के नाम से संबोधन मूलतः नेताजी सुभाष चन्द्र बोस ने दिया था.




गांधीजी ने अपना राजनीतिक गुरु किन्हें माना था ?


(i) गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर, (ii) प. मदन मोहन मालवीय, (iii) गोपाल कृष्ण गोखले,
(iv) दादा भाई नौरोजी 

Sunday, March 13, 2011

गाँधी पहेली श्रृंखला 6


गांधीजी पर आधारित पहेली श्रृंखला में आपकी भागीदारी का धन्यवाद. पिछले अंक में पूछी गई पहेली का सही उत्तर है – ‘ श्री राजकुमार शुक्ल ‘.
                                     
इस श्रृंखला का अगला प्रश्न है – गांधीजी को ‘ बापू ’ के नाम से संबोधन मूलतः किन्होंने दिया था ?
(i)   पं. जवाहर लाल नेहरु, (ii) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, (iii) सुभाष चन्द्र बोस,
(iv) सरदार बल्लभ भाई पटेल  
उत्तर अगले रविवार, सुबह 9:00 AM पर नए प्रश्न के साथ.

Sunday, March 6, 2011

गाँधी पहेली श्रृंखला 5


गांधीजी पर आधारित पहेली श्रृंखला में आपकी भागीदारी का धन्यवाद. पिछले अंक में पूछी गई पहेली का सही उत्तर है –गुरुदेव रविंद्रनाथ टैगोर
यहाँ यह जानकारी  उल्लेखनीय है कि टैगोर जी द्वारा ब्रिटिश शासन को 'सर' की उपाधि लौटाने के बाद 'गुरुदेव' की उपमा भी गांधीजी ने ही दी थी. 

इस श्रृंखला का अगला प्रश्न है – चंपारण के नील किसानों की दुर्दशा की ओर 1917 में गांधीजी का ध्यान आकर्षित करते हुए उनसे इस कृषक संघर्ष का नेतृत्व करने का आग्रह किन्होंने किया था ?
(i)  अली इमाम, (ii) डॉ. राजेन्द्र प्रसाद, (iii) राजकुमार शुक्ल, (iv) मौलाना अबुल कलाम आजाद
उत्तर अगले रविवार, सुबह 9:00 AM पर नए प्रश्न के साथ. 

Sunday, February 27, 2011

गाँधी पहेली 4

गाँधी  पहेली 3 का सही  जवाब  है, 9 फरवरी, 1905 जबकि  गांधीजी  द. अफ्रीका  से  अपना प्रवास संपन्न  कर  वापस भारत लौटे थे. इसी  स्मृति  में  भारत  सरकार  द्वारा  भी 'प्रवासी  भारतीय सम्मलेन' 7-9 जनवरी  तक  मनाया  जाता  है.
इस  पहेली श्रंखला  का अगला  प्रश्न  है -

 "गांधीजी को 'महात्मा' की उपमा किन्होने  दी ?"
1. सुभाष चन्द्र बोस, 2. रविंद्रनाथ टैगोर, 3. जवाहर लाल नेहरु, 4. सरदार बल्लभ भाई पटेल.

उत्तर अगले रविवार सुबह  10 AM पर अगले प्रश्न के साथ.


Sunday, February 20, 2011

Gandhi Paheli Shrinkhala 3 (Bina sahi javab ke 2nd Paheli !)

Gandhi ji par aadharit is paheli shrinkhala mein aapki bhagidari ka
dhanyavad. Internet network ki asuvidha ki vajah se mobile se hi post
karne ko vivash hun, aasha hai sahayog denge.
Afsos hai ki is baar sahi jawab kisi ka nahin raha !
Shakahar par aadharit jis pustak ne Gandhi ji ko sarvadhik prabhavit
kiya tha, vo thi 'Salt' ki ' Plea for Vejeterianijm'.
'Unto the Last' ne Gandhiji mein Trustiship aur Sahkarita ki bhavana
ko viksit karne mein yogdaan diya tha.
Is shrinkhala ka agla prashn hai - ''Dakshin Africa mein raajneetik
rup se ek naye sanche mein dhal chuke Gandhiji apna pravas sanpann kar
vapas Bharat kab laute ?
1. 9/01/1915, 2. 26/01/1915, 3. 30/01/1915, 4. 23/01/1915
Uttar sada ki bhanti agle ravivar subah 10 AM par.

Sunday, February 13, 2011

गाँधी पहेली 2

गांधीजी पर आधारित पहेली श्रंखला के प्रथम अंक में उत्साहपूर्वक भाग ले प्रोत्साहित करने का धन्यवाद.

इंटरनेट की असुविधा की वजह से विस्तार से पहेली का उत्तर नहीं दे पा रहा हूँ. पहेली का सही उत्तर है - 'उत्तमचंद गाँधी'; जो कि पोरबंदर के दीवान भी रह चुके थे.

सभी विजेताओं को बधाई तथा प्रतिभागियों का धन्यवाद.

इस श्रंखला का अगला प्रश्न है -

शाकाहार पर आधारित किस पुस्तक ने गांधीजी को सर्वाधिक प्रभावित किया था ?
(i) साल्ट की ' प्ली फॉर वेजिटेरियनिज्म '

(ii) किन्ग्स्फोर्ट की 'द परफेक्ट वे इन डाइट'

(iii) विलियम की 'द एथिक्स ऑफ डाइट' 
(iv) जौन रस्किन की 'अन्टू दी लास्ट'

उत्तर अगले रविवार, अगले प्रश्न के साथ सुबह दस बजे. 

Sunday, February 6, 2011

रविवारीय गाँधी पहेली (1)



पहेली श्रृंखला - गांधीजी को जानने के लिए.

हम लोगों के पास गांधीजी के विचारों से सहमत या असहमत होने के लिए अपने-अपने तर्क हैं, मगर दोनों ही स्थिति में जरुरी है कि हम गांधीजी को जानते कितना हैं !
यह पहेली श्रृंखला गांधीजी को जानने की दिशा में मेरी ओर से एक और छोटा सा प्रयास है. इसका कोई विशेष फॉर्मेट अभी  तय नहीं है. प्रश्न वैकल्पिक उत्तर या इनके बिना भी पूछे जायेंगे.
उत्तर आप कहीं से भी खोज कर लायें, मुझे कोई ऐतराज नहीं है, मेरा उद्देश्य तो मात्र इस बहाने गांधीजी के प्रति थोड़ी और जिज्ञासा जगाना ही है.
उत्तर समय पर दे दिए जाने का प्रयास करूँगा, मगर विजेताओं जैसी किसी पहल का अभी कोई स्वरुप तय नहीं किया है. श्रंखला के आगे बढ़ने और आपके सुझावों के साथ सुधार किये जाते रहेंगे. अभी तो सिर्फ इतना ही  कह सकता हूँ कि हर रविवार को सुबह 10 बजे तक एक पहेली आपका इंतजार करती  हुई मिलेगी.
तो आपका स्वागत है इस नई पहेली श्रंखला में.
इस पहेली श्रृंखला में पहला प्रश्न है कि  -

गाँधी परिवार के उन सदस्य का नाम क्या था, जिन्होंने एक बार जूनागढ़ के नवाब को बाएं हाथ से सलामी दी थी, और इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा था कि  - "दायाँ हाथ पहले ही पोरबंदर के लिए समर्पित हो चूका है. "

इस बार 4 विकल्प मौजूद हैं- (i) करमचंद गाँधी, (ii) मगनलाल गाँधी, (iii)लक्ष्मीदास गाँधी (iv) उत्तमचंद गाँधी. 
उत्तर अगले रविवार को नए प्रश्न के साथ. 

Monday, January 3, 2011

क्रन्तिकारी - जो हो गए देश पर फ़िदा


लगभग एक वर्ष के अंतराल के बाद इस ब्लॉग का आपके समक्ष पुनर्वापसी का प्रयास कर रहा हूँ. गांधीजी के विचारों पर आधारित अपने ब्लॉग पर क्रान्तिकारियों के भी पावन स्मरण का मेरा उद्देश्य इस तथ्य को पुनर्स्थापित करना भी है कि गांधीजी और क्रांतिकारियों के बीच मतभिन्नता थी ( इस Terminology का प्रयोग इस उद्देश्य से किया जा रहा है क्योंकि चंद लोग इससे विशेष परिचित होंगे ) मगर मन तथा उद्देश्य की नहीं, जैसा उन तत्वों द्वारा कुप्रचारित किया जाता रहा है जो इतिहास को काट-छांट कर अपने सुविधानुरूप अध्ययन और व्याख्या किया करते हैं.

बीता दिसंबर माह अपने साथ आजादी के दीवाने दो अमर शहीदों खुदीराम बोस का जन्मदिवस और पं. राम प्रसाद बिस्मिल जी की पुण्यतिथी को ख़ामोशी से याद करता गुजर गया. ब्रिटिश अधिकारी किग्सफोर्ड की बग्घी पर बम फेंकने, जिस वजह से 3 लोग मारे गए थे की सजा के रूप में आनन – फानन में अदालती कार्यवाही पूरी कर मात्र 18 वर्ष की आयु में इन्हें फांसी की सजा दे दी गई थी. कहते हैं मृत्यु से पूर्व इन्होने अपनी माँ को आश्वस्त किया था कि 10 माह 10 दिन पश्चात ये पुनः जन्म लेंगे, और तब यदि पहचान सको तो गरदन पर बने निशान से पहचान लेना. इस मार्मिक प्रसंग की पृष्ठभूमि में प्रख्यात कवि काजी नसरुल इस्लाम ने 18 वर्षों के बाद भी अपनी पंक्तियों के माध्यम से इन्हें पुनः याद करने का एक प्रयास किया था.

ऐसे ही एक क्रन्तिकारी अमर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल जी की पुण्यतिथी (18/12/1927) भी बिना किसी शोर - गुल के गुजर गई. काकोरी षड्यंत्र केस में फांसी की सजा पाए इस क्रन्तिकारी कवि ने अपनी कालकोठरी की दीवारों पर चंद पंक्तियाँ लिखी थीं –

“महसूस हो रहे हैं बड़े फ़ना के झोंके,

खुलने लगे हैं मुझपर असरार जिंदगी के;

बारे आलम उठाया रंगे निशान देखा,

आये नहीं हैं यूँ ही अंदाज बेहिसी के;

वफ़ा पर दिल को सदके जान को नज़ारे जफा कर दे,

मुहब्बत में यह लाजिमी है कि जो कुछ हो फ़िदा कर दे.

(कामना करता हूँ कि शायद राजनीति के शातिर खिलाडी इन पंक्तियों में छुपे भावार्थ को समझ सकें)

आइये, इन अमर शहीदों को कोटिशः नमन करते हुए ऐसा परिवेश बनाने का प्रयास करें जिसमें ऐसे क्रांतिकारियों के व्यक्तित्व तथा योगदान का समग्र मूल्यांकन किया जा सके; ताकि कतिपय स्वार्थी तत्वों तथा क्षद्म राष्ट्रवादियों द्वारा इन्हें क्षेत्रीयता, जातीयता तथा क्षुद्र राजनीतिक खानों में कैद करने के संकीर्ण प्रयासों को नकारा जा सके. हमारे देश का इतिहास, संस्कृति तथा विरासत किसी समूह विशेष की कॉपीराइट संपत्ति नहीं है. यह हमारी साझी विरासत है, और बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के भी इसे संभालने में इस देश की जनता स्वयं भी सक्षम है.

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