गाँधी और नेहरु ने देश के बंटाधार में अपना कितना अमूल्य योगदान दिया है यह तो हमारे महान राष्ट्रवादी तत्त्व हमें 80 वर्षों से स्मरण कराते ही आ रहे हैं। ताजातरीन योगदान इनका स्वतंत्रता संग्राम में कायदे-आजम जिन्ना साहब की भूमिका को लेकर है। श्रद्धांजलि, पुण्य स्मरण जैसे व्यावहारिक कार्यक्रमों के आगे बढ़कर अब पुस्तक द्वारा आजादी के संघर्ष में जिन्ना साहब की महत्वपूर्ण भूमिका को विस्तार से स्पष्ट किया जा रहा है। इसी क्रम में संभवतः पहली बार देश विभाजन के परिप्रेक्ष्य में मूल 'लौह पुरुष' सरदार पटेल की भूमिका भी पुनर्परिभाषित की जा रही है। इस अभूतपूर्व वैचारिक दृष्टिकोण के प्रस्तुतीकरण के लिए देश इन महानात्माओं का सदा ऋणी रहेगा।
मगर इसी क्रम में कुछ सवाल भी इस नादान, अल्पज्ञानी दिल में उभरते हैं। वर्तमान युग में सामान्य से प्रश्न भी कुछ अतिसंवेदनशील आत्माओं की 'आस्था को आघात' पहुंचा देते है। ऐसे में मैं अपनी कुछ शंकाएं अपने आस - पास से लगने वाले बापू- गांधीजी से ही पूछने का साहस कर सकता हूँ
- बापू, क्या कारण है कि राष्ट्रवादी मुस्लिमों में इन राष्ट्रवादियों को जिन्ना जी ही याद आते हैं। मैं जिन्ना जी के बारे कुछ नहीं कहना चाहता, उन्हें जो लेना था उसे ले वो खशी ख़ुशी इस दुनिया से ही चले गए, मगर ऐसे राष्ट्रवादियों में कभी अमर शहीद ' अशफाकउल्ला खान ' का नाम नहीं सुनाई देता. 'मौलाना अबुल कलम आजाद' और 'जाकिर हुसैन साहब' के बारे कोई बात नहीं करता!
- काजी नजरुल इस्लाम और इकबाल साहब जैसे कवि और शायरों की किसी को याद नहीं आती !
- कहीं ऐसा तो नही कि कट्टर हिन्दू और कट्टर मुस्लिम विचारधारा में एक आनुवंशिक, अल्पज्ञात संबध हो और यही आनुवंशिक जीन का कभी-कभार उभर आना ही इस जिन्ना प्रेम का मूल कारण हो !
- क्या ऐसा नहीं था कि इसी अति हिन्दू और मुस्लिम राष्ट्रवादिता ने अंग्रेजों को हिंदुस्तान को दो भागों में बांटने का ठोस वैचारिक आधार दिया।
क्षमा चाहता हूँ बापू मगर बहुत ही बुझे दिल से यह शब्द इस्तेमाल करने पड़ रहे हैं कि अंग्रेजों की कूटनीति की नाजायज औलादें दोनों ही देशों में क्षद्म राष्ट्रवाद की आड़ में जनता को बरगला रही हैं। जनता को आज फिर तुम्हारी जरुरत है, मगर मुझमे तुम्हे फिर सूली पर चढ़ता देखने या किसी हत्यारी विचारधारा का शिकार होते देखने की हिम्मत नहीं है बापू.
अब तो बस इतना ही कहूँगा कि 'ईश्वर - अल्लाह' दोनों ही मुल्कों की जनता को अपने-अपने क्षद्म राष्ट्रवादियों को पहचानने और उनसे निपटने की शक्ति दें। आमीन.
तस्वीर : साभार गूगल
अब तो बस इतना ही कहूँगा कि 'ईश्वर - अल्लाह' दोनों ही मुल्कों की जनता को अपने-अपने क्षद्म राष्ट्रवादियों को पहचानने और उनसे निपटने की शक्ति दें। आमीन
ReplyDeleteहमें भी इसी का इंतजार है !!
कहीं ऐसा तो नही कि कट्टर हिन्दू और कट्टर मुस्लिम विचारधारा में एक आनुवंशिक, अल्पज्ञात संबध हो और यही आनुवंशिक जीन का कभी-कभार उभर आना ही इस जिन्ना प्रेम का मूल कारण हो !
ReplyDeleteSou feesadi sahi.......bas aapne nabj pakad li...
Yeh sawaal ek bahut hi aavshyak sawal hai. MAin aapke saath sehmat hoon.
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ReplyDeleteबहुत ही सार्थक और सटीक पोस्ट, अल्पसँख्यकों को मुख्य धारा से अलग रखने की प्रवृत्ति पर किसी को शक न होना चाहिये ।
नेता जी सुभाष बाबू, सरदार पटेल और भी अनेक नाम हैं, इन सबको लगातार हाशिये पर ढकेलते रहना कुछ निहित मँशाओं को रेखाँकित करता है ।
इस समय कोई प्रामाणिक सँदर्भ मेरे पास उपलब्ध तो नहीं, पर यह सत्य है कि टाटा के नमक में तब भी बहुत ताकत हुआ करती थी ।
कहीं ऐसा तो नही कि कट्टर हिन्दू और कट्टर मुस्लिम विचारधारा में एक आनुवंशिक, अल्पज्ञात संबध हो और यही आनुवंशिक जीन का कभी-कभार उभर आना ही इस जिन्ना प्रेम का मूल कारण हो !
ReplyDeleteअद्भुत बात !
फिर निकला जिन्ना का जिन्न और जनाजा !
खोजपरक पोस्ट के लिए बधाई।
ReplyDeleteall leaders are completing their political wish by dividing common man
ReplyDeleteno religion, community says that you fight with other
we should leave peacefully and throw these bad leaders in jail.
Saamyik chintan.
ReplyDeleteवैज्ञानिक दृष्टिकोण अपनाएं, राष्ट्र को उन्नति पथ पर ले जाएं।
एक एक शब्द एक एक लाइन सारगर्भित |अभी तक बहुत कम लोग ऐसा कहने का सहस जुटा पाए है हालाँकि जानते सब है हकीकत |क्षद्म राष्ट्र्बदियों को पहिचानना अब तो बहुत
ReplyDeleteअब तो बस इतना ही कहूँगा कि 'ईश्वर - अल्लाह' दोनों ही मुल्कों की जनता को अपने-अपने क्षद्म राष्ट्रवादियों को पहचानने और उनसे निपटने की शक्ति दें। आमीन.
ReplyDeleteumid hai aisa jaldi hi hoga...
Hey
ReplyDeleteIts the exact thing i m feeling too.
First I hate Blame game..........any person who committed mistake was guilty.
So here I am not going to write our honorable old (Let) politicians.
All i want is a new day
New start, where we'll care about human.
Any ways i love this blog
& will keep following
Thank you