मेरे ब्लॉग 'धरोहर' पर ताजा प्रविष्टियाँ

LATEST:


विजेट आपके ब्लॉग पर

Sunday, August 30, 2009

फिर होगी मुलाकात - गांधीजी के साथ


जनवरी 2009 से जारी गांधीजी के विचारों पर आधारित यह श्रंखला अब एक अल्पविराम की ओर अग्रसर है। आशा है वक्त और परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो यह चर्चा नए सिरे से पुनः आरम्भ होगी। गांधीजी पर विवादों के इस फैशनेबल दौर में इस ब्लॉग और इसमें व्यक्त विचारों को जिस प्रोत्साहन के साथ आपने स्वीकारा, आभारी हूँ। इस ब्लॉग को आरम्भ करने के पीछे मेरा प्रयास गांधीजी के विचारों की प्रासंगिकता पर चर्चा तथा इसमें अधिक-से-अधिक लोगों को शामिल करने का था। इसीलिए सिर्फ इसी ब्लॉग के लिए मैंने कई ब्लौगर्स से व्यक्तिगत संपर्क भी किये। ब्लॉग की बेहतर प्रस्तुति और नियमितता में कई ब्लौगर्स के सुझावों तथा प्रोत्साहन का महत्वपूर्ण योगदान रहा। आप सभी की सक्रियता तथा उत्साहवर्धन का धन्यवाद।

15 comments:

  1. आशा है वक्त और परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो यह चर्चा नए सिरे से पुनः आरम्भ होगी।
    इंतजार रहेगा .. धन्‍यवाद !!

    ReplyDelete
  2. मुझे दुख है कि मैं इस चर्चा को पढ नहीं पाई मगर अब समय मिलते ही पिछली पोस्ट् पढूंगी नयी चर्चा का इन्तज़ार रहेगा आभार्

    ReplyDelete
  3. गांधी जी पर नये सिरे से
    शुरू होने वाली चर्चा की प्रतीक्षा है।

    ReplyDelete
  4. हमें प्रतीक्षा रहेगी !

    ReplyDelete
  5. Gandhiji se sambandhit agli post ka intzaar rahega...

    ReplyDelete
  6. aapka bhi bahut-bahut dhnyavaad....maine aaj hi kucchh-kucchh padhaa.....!!

    ReplyDelete
  7. I must admit here,,that I really want to know why Gandhi jee was Gandhi jee.
    Coz I am admitting that I dont like his may ways.
    I should make it clear here that I dont hate him...But at the same I dont love him.

    & the wondering pert is that, I can still remember my first known book apart from course at class 4th I read was the Autobiography of Ghandhi jee.
    I read that so many times..
    Still looking for knowledge.


    but somehow I dont like him....just opposite of my father...who is real follower of him....If I ever know someone really.

    So it would be great to see you back.
    I am eager to see.

    Thanking You

    ReplyDelete
  8. aapka prayaaas sach mein acha hai..lekin kya aapko lagta hai ki sirk ek manch kaafi hoga...jo aaj desh mein ho raha hai...aisa to nahi chaha tha gandhi ji ne...har taraf anyay hai..jada door nahi rathore ka hi dekh lijiye...kya sirf gandhi ji wicharon par kewal smaran ya charcha kakr hum is desh ki neeti ya kahu ki kootneeti badal saktein hai.???

    ReplyDelete
  9. maaf karna agar kuch galat keh diya to...

    ReplyDelete
  10. Maine pooree shrinkhala padhi hai....aage bhi intezaar rahega..aapne sach kaha,Gandhiji ke virodh me bolna ek fashion-sa ho gaya hai..aise logon ne kabhi unhen samajhahi nahi..

    ReplyDelete
  11. गाँधी जी ने आजादी की लडाई के सहयोग किया और वो भी व्यापक स्तर पर
    पर गांघी जी ने कुछ एतिहासिक अक्षम्य गलतियाँ की जिस का असर आज तक है .
    (१) जिस असहयोग आन्दोलन के कारण हजारो विद्यार्थियों ने अपने कालेज छोड़ दिए बहुत लोगो ने अपनी नौकरी छोड़ दी चौरा चौरी कांड के बाद उन्हों ने वापस ले लिया पर उन लोगो के बारे में नही सोचा ?????
    (२) मोपलो द्वारा किये गए दंगे में ये वहा हिन्दुओ को समझाते रहे की आप कुछ मत करे चाहे दंगाई कुछ भी करे और हजारो हिन्दू वहा क्रूरता पूर्वक मारा गया.
    (३)भगत सिंह को अगर वे चाहते तो बचा सकते थे तो उन्हों ने प्रयास क्यों नही किया ?????
    (४) गाँधी जी अहंकारी थे . सुभाष चन्द्र बोस ने गाँधी जी समर्थित प्रत्याशी सीतारमईया को हराने के बाद भी गाँधी जी के जिद के आगे इस्तीफा दिया तो इन हो ने सरदार पटेल के साथ भी घोर अन्याय किया क्यों ?????
    क्यों की गाँधी जी ने नेहरू को सत्ता दिलाई इसी लिए इन कांग्रेसियों ने इन को महान घोषित कर दिया . क्या ये राष्ट्र से ऊपर है जो इन को राष्ट्रपिता घोषित कर रक्खा है .
    अहिंसा वीरो का आभूषण है पर अफ़सोस है गाँधी वाद की आढ़ में कायर अपने बचाव में इस का प्रयोग करते है जैसे गाँधी जी खुद .
    पाकितान को ५६ करोण गाँधी जी के हठ के कारण देने पड़े . ये रुपये विस्थापितों के बहुत काम आते जिन होने उस के बाद कई दशको तक आर्थिक तंगी झेली
    जब कभी सही इतिहास लिखा जायेगा तो नत्थू राम गोडसे जी को शहीद का दर्जा दिया जायेगा.
    ये करमचंद्र गाँधी कितने बड़े महात्मा थे नीचे दिए लिंक से पता चलता है.
    http://awyaleek.blogspot.com/2010/05/blog-post_30.html

    महात्मा हो तो गाँधी जी जैसा

    ReplyDelete
  12. गाँधी जी पर सुन्दर ब्लॉग...नव वर्ष पर आपको ढेर सारी बधाइयाँ.
    _____________
    'पाखी की दुनिया' में नए साल का पहला दिन...

    ReplyDelete
  13. "आ नो भद्रा क्रतवो यन्तु विश्वतः" हमें भी प्रतीक्षा रहेगी लेकिन सूचित जरूर करे. आजकल एग्रीगेटर्स फिसड्डी हो गए हैं और हम लाचार से.

    ReplyDelete

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...