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Monday, February 9, 2009

सवाल गांधीजी का !

नाना- नाना, आपने तो आजादी की लडाई को गौर से देखा है, उसमें भाग भी लिया है। आपने देखा! कल एक पार्टी के युवा नेता कह रहे थे कि- "जब-जब उन्हें किसी समस्या का समाधान नहीं दिखता, वो मेज पर लगी गांधीजी की किताब उठा लेते हैं। " आज एक दूसरी पार्टी के नेता कह रहे हैं कि "गांधीजी का विकास मॉडल सर्वश्रेष्ठ है।"

"तो क्या अब गांधीजी के सपनों का भारत बनाने के लिए सभी मिलकर काम करेंगे?"

आप चुप-चाप मुस्कुराते हुए खिड़की से बाहर क्यों देख रहे हैं, कुछ बोलते क्यों नहीं! भविष्य की ओर देख रहे हैं या कहीं अतीत की किसी पुरानी याद में खो गए?

6 comments:

  1. गांधी जी के विचारों का अनुपालन किसी आज भी क्षेत्र में नहीं दिखता.

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  2. कोई कुछ भी कहे-गांधी के बिना देश का उध्‍दार नहीं है। गांधी न केवल सर्वकालिक और प्रासंगिक हैं वरन् अनिवार्य और अपरिहार्य भी हैं।

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  3. gandhi ji mahan darshnik the..
    bhwishya ke lye doordrishta the....hame unke vicharon aur sapno ko sakar karne ke liye ekjut hona padega.........
    kyon nahi hum sankalp len aaj bharat ko gandhi ke sapno me rangne ka.

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  4. hi abhi, gandhi ke bahene aap ne kaafi kuh kaha hai. aaj ke jaroorat bhi hai. thanks for this. varanasi main kahain ke rahne wale hai app. maine wahion per 4 saal kam kiya hai. meri yadeein judi hain. aap se baat karke mujhe aachha lagega.

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  5. आज गावं को ख़त्म कर के शहर बनाय जा रहे हैं. यही बुद्धिजीवियों की नज़र में विकास है. लेकिन अस्लिअत में यह देश के लिए घातक है.

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  6. ek Dard Hai Jo Dikhte nahi kisi ko. Badhayi Aapne Acha Pryaas Kiya Hai.

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