
उन्होंने पुनः यह दोहराया कि किंग II ने युद्ध और सैन्यवाद के विरुद्ध जो अभियान चलाया था उसकी प्रेरणा के स्रोत महात्मा गाँधी ही थे।
उनकी राय में अगर मानवता को बचाना है तो किंग के प्रेम और गांधीजी के सत्याग्रह को अपनाना ही होगा। वर्तमान में जारी हिंसा का हल न सिर्फ प्रतिहिंसा बल्कि शांतिपूर्ण तरीके से भी हो सकता है. गांधीजी कि तरह वो भी सहमत हैं कि अहिंसा हर धर्म, काल और देश में मौजूद है, अलबत्ता हर देश के अपने गाँधी और किंग होंगे जो वहां कि वस्तुस्थिति के अनुरूप काम करेंगे.
अश्वेतों के संघर्ष में अहिंसा के प्रयोग के लाभ बताते हुए उन्होंने कहा कि इससे उन्हें श्वेत नागरिकों का दिल जितने और समर्थन का आधार व्यापक बनाने में काफी मदद मिली। जिसका परिणाम द. अफ्रीका में रंगभेद के अंत और अमेरिका में ओबामा की जीत के रूप में भी सामने आया.
गाँधीजी जैसी हस्ती विश्व को सौंपने वाले भारत का आभार प्रकट करते हुए उन्होंने गांधीजी की अमेरिका सहित पुरे विश्व को दी प्रेरणा के लिए कृतज्ञता भी जताई।
उन्होंने कही कि इस ग्रह को और बेहतर बनाने के लिए जरुरी है कि गांधीजी के दर्शन को आत्मसात किया जाये। इस अवसर पर अपने पिता को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने कई देशों की यात्रा एक पर्यटक की तरह की मगर भारत वो एक तीर्थयात्री की तरह आये. आज हम भी और दृढ़प्रतिज्ञ और समर्पण के साथ प्रेम और अहिंसा की भावना लेकर जा रहे हैं अपने देश और सारे विश्व के लिए.
गांधीजी के विचारों के प्रति दुनिया के सर्वशक्तिशाली राष्ट्र के शिखरपुरुषों के ये विचार हमें भी गाँधी विचार के पुनर्मूल्यांकन को प्रेरित करते हैं.
आलेख से बहुत जानकारी मिली ... आपका ये कहना सही है कि गांधीजी के विचारों के प्रति दुनिया के सर्वशक्तिशाली राष्ट्र के शिखरपुरुषों के ये विचार हमें भी गाँधी विचार के पुनर्मूल्यांकन को प्रेरित करते हैं.
ReplyDeletejankari bhara aalekha...
ReplyDeleteये ऐतिहासिक प्रसंग हमारे लिए प्रेरणा के कारक हैं।
ReplyDeleteAbhishek jee itani achhi jaankaari ke liye thanks.
ReplyDeletegandhiwadi mulyon ko badhawa dene me aapka blog sarahniy kaam kar raha hai.
एक महामानव के विचारो में श्रद्धा के लिए धन्यवाद
ReplyDeleteअच्छा और स्तुत्य प्रयास है.
ReplyDeleteमहान व्यक्तित्वों पर विचार विमर्श होना चाहिए .
Holi ki hardik shubkamnayen.
ReplyDeleteखुशी है कि गैर भारतीय ही सही, गांधीजी के विचारों का महत्त्व स्वीकार कर रहे हैं.
ReplyDeleteसन्त विनोबा भावे, गांधी बाबा की,
ReplyDeleteशिक्षाएँ अनमोल ध्यान धरना होगा।
शहरों का सुख तनिक-क्षणिक होता है,
गाँवों का उत्थान हमें करना होगा।।