मेरे ब्लॉग 'धरोहर' पर ताजा प्रविष्टियाँ
Sunday, September 4, 2011
गाँधी पहेली 26/27
Sunday, August 7, 2011
शहीद उधम सिंह और गाँधी पहेली - 25
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A photo exhibit shows Udham Singh (second from the left) being taken away from Caxton Hall after the assassination of Michael O’ Dwyer |
गांधीजी के समकालीन क्रांतिकारियों में उधम सिंह (December 26, 1899 – July 31, 1940) और भगत सिंह ऐसे दो नाम थे जिन्होंने एक सी ही नियति पाई. जालियाँवालाबाग कांड से विचलित उधम सिंह ने जनरल डायर की हत्या कर दी तो, भगत सिंह ने लाला लाजपत राय पर प्राणघातक हमले के दोषी सैंडर्स की हत्या कर दी. दुर्भाग्यवश इन हिंसक प्रतिक्रियाओं को समर्थन न देने वाले गांधीजी की हत्या भी एक हिंसक उन्माद (शुरू में 'ऐसी ही' लिखने जा रहा था, मगर क्या इसे भी ऐसी ही' की श्रेणी में रखा जा सकता है ?) में कर दी गई.
Sunday, July 31, 2011
चन्द्रशेखर आजाद और गाँधी पहेली 23/24
Sunday, July 17, 2011
गाँधी पहेली
Sunday, July 10, 2011
एक अधनंगा फ़कीर ( @गाँधी पहेली )
Sunday, July 3, 2011
अहिंसक आन्दोलनों की पुनर्वापसी और गांधीजी
मार्टिन लूथर किंग, नेल्शन मंडेला, आंग सांग सू की जैसे कई उदाहरण मिल जायेंगे जिन्होंने गाँधी जी को समझने के बाद अपने आचरण में उतारा और सफलता प्राप्त की. गाँधी जी के ही शब्दों में यह 'साध्य' और 'साधन' की शुचिता की ही सफलता है.
अगर कहीं ऐसा होता नहीं दिखता तो इस समीकरण के प्रयोग में ही इसके कारणों और कारकों को तलाशा जा सकता है.
अहिंसक आन्दोलनों की सफलता सुनिश्चित करने की रणनीति सुस्पष्ट करते हुए गांधीजी ने कहा था -
"पहले वो आपको नजरअंदाज करेंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, इसके बाद वो संघर्ष करेंगे आपसे और फिर आपकी जीत होगी."
विचारों की कालजयिता जिस परिवेश में सार्थक होती है उसकी अनुभूति हो रही है न आपको :-)
और अब गाँधी पहेली 19 का उत्तर -
द. अफ्रीका के मरित्ज्बर्ग रेल्वे स्टेशन पर गान्धीजी को नस्लीय अपमान का सामना करना पड़ा था.
साथ ही गाँधी पहेली 20 का प्रश्न -
गांधीजी को 'अधनंगा फ़कीर' किन्होने कहा था ?
(i) अब्राहम लिंकन, (ii) विंस्टन चर्चिल, (iii) आइंस्टाइन, (iv) माउंटबेटन
उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM पर, नई पहेली के साथ
Sunday, June 26, 2011
गाँधी पहेली श्रृंखला 19
Sunday, June 19, 2011
गाँधी पहेली श्रृंखला 18 (चित्र पहेली)
Sunday, June 12, 2011
गाँधी पहेली श्रृंखला 18 (चित्र पहेली)
Sunday, May 29, 2011
गाँधी पहेली श्रृंखला 17
Sunday, May 22, 2011
गांधी पहेली श्रृंखला - 16
Sunday, May 15, 2011
गाँधी पहेली श्रृंखला 15
Sunday, May 8, 2011
गाँधी पहेली 14
गाँधी पहेली श्रंखला का अगला प्रश्न है -
2007 में रिलीज हुई फिल्म 'गाँधी माई फादर' फिल्म जो गांधीजी और उनके पुत्र हरिलाल गाँधी के संबंधों पर आधारित थी के निर्देशक कौन थे ?
(i) अनिल कपूर, (ii) श्याम बेनेगल, (iii) फिरोज टायरवाला (iv) फिरोज अब्बास खान
उत्तर अगले रविवार सुबह 9 :00 पर अगले प्रश्न के साथ.
Sunday, April 24, 2011
गांधी पहेली 12/13
Sunday, April 17, 2011
गाँधी पहेली श्रंखला 11
Sunday, April 10, 2011
गाँधी पहेली श्रृंखला 10
Sunday, April 3, 2011
गाँधी पहेली - 9
गाँधी पहेली श्रंखला का अगला प्रश्न है -
1982 में प्रदर्शित हुई फिल्म 'गाँधी' में महात्मा गाँधी की भूमिका किसने निभाई थी ?
(i) रिचर्ड एटनबरो, (ii) बेन किग्सले, (iii) रोशन सेठ, (iv) रजत कपूर.
उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM पर.
Sunday, March 27, 2011
गांधीजी और क्रिकेट से संबधित एक रोचक पहेली
Sunday, March 20, 2011
गाँधी पहेली श्रंखला 7
गांधीजी ने अपना राजनीतिक गुरु किन्हें माना था ?
(i) गुरुदेव रविन्द्र नाथ टैगोर, (ii) प. मदन मोहन मालवीय, (iii) गोपाल कृष्ण गोखले,
(iv) दादा भाई नौरोजी
Sunday, March 13, 2011
गाँधी पहेली श्रृंखला 6
Sunday, March 6, 2011
गाँधी पहेली श्रृंखला 5
Sunday, February 27, 2011
गाँधी पहेली 4
Sunday, February 20, 2011
Gandhi Paheli Shrinkhala 3 (Bina sahi javab ke 2nd Paheli !)
dhanyavad. Internet network ki asuvidha ki vajah se mobile se hi post
karne ko vivash hun, aasha hai sahayog denge.
Afsos hai ki is baar sahi jawab kisi ka nahin raha !
Shakahar par aadharit jis pustak ne Gandhi ji ko sarvadhik prabhavit
kiya tha, vo thi 'Salt' ki ' Plea for Vejeterianijm'.
'Unto the Last' ne Gandhiji mein Trustiship aur Sahkarita ki bhavana
ko viksit karne mein yogdaan diya tha.
Is shrinkhala ka agla prashn hai - ''Dakshin Africa mein raajneetik
rup se ek naye sanche mein dhal chuke Gandhiji apna pravas sanpann kar
vapas Bharat kab laute ?
1. 9/01/1915, 2. 26/01/1915, 3. 30/01/1915, 4. 23/01/1915
Uttar sada ki bhanti agle ravivar subah 10 AM par.
Sunday, February 13, 2011
गाँधी पहेली 2
इंटरनेट की असुविधा की वजह से विस्तार से पहेली का उत्तर नहीं दे पा रहा हूँ. पहेली का सही उत्तर है - 'उत्तमचंद गाँधी'; जो कि पोरबंदर के दीवान भी रह चुके थे.
सभी विजेताओं को बधाई तथा प्रतिभागियों का धन्यवाद.
इस श्रंखला का अगला प्रश्न है -
शाकाहार पर आधारित किस पुस्तक ने गांधीजी को सर्वाधिक प्रभावित किया था ?
(i) साल्ट की ' प्ली फॉर वेजिटेरियनिज्म '
(iii) विलियम की 'द एथिक्स ऑफ डाइट'
(iv) जौन रस्किन की 'अन्टू दी लास्ट'
उत्तर अगले रविवार, अगले प्रश्न के साथ सुबह दस बजे.
Sunday, February 6, 2011
रविवारीय गाँधी पहेली (1)
Monday, January 3, 2011
क्रन्तिकारी - जो हो गए देश पर फ़िदा

बीता दिसंबर माह अपने साथ आजादी के दीवाने दो अमर शहीदों खुदीराम बोस का जन्मदिवस और पं. राम प्रसाद बिस्मिल जी की पुण्यतिथी को ख़ामोशी से याद करता गुजर गया. ब्रिटिश अधिकारी किग्सफोर्ड की बग्घी पर बम फेंकने, जिस वजह से 3 लोग मारे गए थे की सजा के रूप में आनन – फानन में अदालती कार्यवाही पूरी कर मात्र 18 वर्ष की आयु में इन्हें फांसी की सजा दे दी गई थी. कहते हैं मृत्यु से पूर्व इन्होने अपनी माँ को आश्वस्त किया था कि 10 माह 10 दिन पश्चात ये पुनः जन्म लेंगे, और तब यदि पहचान सको तो गरदन पर बने निशान से पहचान लेना. इस मार्मिक प्रसंग की पृष्ठभूमि में प्रख्यात कवि काजी नसरुल इस्लाम ने 18 वर्षों के बाद भी अपनी पंक्तियों के माध्यम से इन्हें पुनः याद करने का एक प्रयास किया था.
ऐसे ही एक क्रन्तिकारी अमर शहीद पं. राम प्रसाद बिस्मिल जी की पुण्यतिथी (18/12/1927) भी बिना किसी शोर - गुल के गुजर गई. काकोरी षड्यंत्र केस में फांसी की सजा पाए इस क्रन्तिकारी कवि ने अपनी कालकोठरी की दीवारों पर चंद पंक्तियाँ लिखी थीं –
“महसूस हो रहे हैं बड़े फ़ना के झोंके,
खुलने लगे हैं मुझपर असरार जिंदगी के;
बारे आलम उठाया रंगे निशान देखा,
आये नहीं हैं यूँ ही अंदाज बेहिसी के;
वफ़ा पर दिल को सदके जान को नज़ारे जफा कर दे,
मुहब्बत में यह लाजिमी है कि जो कुछ हो फ़िदा कर दे. “
(कामना करता हूँ कि शायद राजनीति के शातिर खिलाडी इन पंक्तियों में छुपे भावार्थ को समझ सकें)
आइये, इन अमर शहीदों को कोटिशः नमन करते हुए ऐसा परिवेश बनाने का प्रयास करें जिसमें ऐसे क्रांतिकारियों के व्यक्तित्व तथा योगदान का समग्र मूल्यांकन किया जा सके; ताकि कतिपय स्वार्थी तत्वों तथा क्षद्म राष्ट्रवादियों द्वारा इन्हें क्षेत्रीयता, जातीयता तथा क्षुद्र राजनीतिक खानों में कैद करने के संकीर्ण प्रयासों को नकारा जा सके. हमारे देश का इतिहास, संस्कृति तथा विरासत किसी समूह विशेष की कॉपीराइट संपत्ति नहीं है. यह हमारी साझी विरासत है, और बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के भी इसे संभालने में इस देश की जनता स्वयं भी सक्षम है.