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Sunday, July 3, 2011

अहिंसक आन्दोलनों की पुनर्वापसी और गांधीजी

भारत में ही नहीं विश्व के कई भागों में अहिंसक आन्दोलनों का नया दौर शुरू हो गया है. हाल में संपन्न मिस्र की क्रांति की भी कवरेज करने गए एक भारतीय पत्रकार ने लिखा कि उसे आंदोलन की समाप्ति के बाद लौट रहे लोगों में से एक की भाषा तो समझ नहीं आई, मगर वो बार - बार 'गाँधी'-'गाँधी' दोहराता जा रहा था.

मार्टिन लूथर किंग, नेल्शन मंडेला, आंग सांग सू की जैसे कई उदाहरण मिल जायेंगे जिन्होंने गाँधी जी को समझने के बाद अपने आचरण में उतारा और सफलता प्राप्त की. गाँधी जी के ही शब्दों में यह 'साध्य' और 'साधन' की शुचिता की ही सफलता है.

अगर कहीं ऐसा होता नहीं दिखता तो इस समीकरण के प्रयोग में ही इसके कारणों और कारकों को तलाशा जा सकता है.

अहिंसक आन्दोलनों की सफलता सुनिश्चित करने की रणनीति सुस्पष्ट करते हुए गांधीजी ने कहा था -

 "पहले वो आपको नजरअंदाज करेंगे, फिर वो आप पर हँसेंगे, इसके बाद वो संघर्ष करेंगे आपसे और फिर आपकी जीत होगी."

विचारों की कालजयिता जिस परिवेश में सार्थक होती है उसकी अनुभूति हो रही है न आपको :-)

और अब गाँधी पहेली 19 का उत्तर -

 द. अफ्रीका के मरित्ज्बर्ग रेल्वे स्टेशन पर गान्धीजी को नस्लीय अपमान का सामना करना पड़ा था.


साथ ही गाँधी पहेली 20 का प्रश्न - 


गांधीजी को 'अधनंगा फ़कीर' किन्होने कहा था ?


(i) अब्राहम लिंकन, (ii) विंस्टन चर्चिल, (iii) आइंस्टाइन, (iv) माउंटबेटन


उत्तर अगले रविवार सुबह 9:00 AM परनई पहेली के साथ

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